उत्तर प्रदेश जोत चकबन्दी अधिनियम को 04 मार्च, 1954 को राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी तथा इसका प्रकाशन दिनांक 08 मार्च, 1954 को उत्तर प्रदेश असाधारण राजपत्र में किया गया। इस प्रकार उत्तर प्रदेश जोत चकबन्दी अधिनियम, 1953 08 मार्च, 1954 से लागू है। अधिनियम के प्रख्यापन के पश्चात से अब-तक प्रथम चक्र के अन्तर्गत कुल 1,00,059 ग्राम तथा द्वितीय चक्र के अन्तर्गत 23,781 ग्रामों की चकबन्दी पूर्ण की जा चुकी है। चकबन्दी के उपरान्त कृषकों की बिखरी हुई जोतों के संहत होने के फलस्वरूप कृषि उत्पादन पर अभूतपूर्व प्रभाव पड़ा है। साथ ही, नाली, चकरोड व संपर्क मार्ग तथा सार्वजनिक प्रयोजन हेतु भूमि उपलब्ध होने के परिणाम स्वरूप कृषिक भूमि का नियोजन भी हुआ है।
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